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प्रोडक्टिविटी (परफॉरमेंस / कार्य प्रदर्शन) की गणना

पार्लियामेंट्री बिज़नेस पर संसद की प्रोडक्टिविटी (परफॉरमेंस / कार्य प्रदर्शन) की गणना का आधार निम्नलिखित हैं.

  1. तय समय
  2. बर्बाद समय
  3. भोजनावकाश
  4. देर तक बैठक
  5. अतिरिक्त समय
  6. वास्तविक बैठक

1- तय समय:- सामान्यतया संसद की कार्यवाही का तय समय प्रतिदिन ६ घंटों (सुबह ११ बजे से शाम ६ बजे जिसमे भोजन अवकाश का १ घंटा शामिल है) के लिए होता है

2- बर्बाद समय :- कार्यवाही के दौरान बाधाओं के कारण बैठक में से स्थगित होने वाले कुल समय को बर्बाद समय में जोड़ा गया हैै

3 - भोजनावकाश :- कार्यवाही के बीच १ घंटे का समय (दोपहर के १ से २ बजे) भोजन अवकाश के लिए आवंटित होता है, लेकिन कभी कभी जरुरत के अनुसार भोजन अवकाश को स्थगित भी कर दिया जाता है जिसका समय हमने वास्तविक बैठक समय में जोड़ दिया हैै

4- देर तक बैठक :- कार्यवाही के लिए निश्चित तय समय (शाम के ६ बजे के बाद) के अतिरिक्त होने वाली बैठक के समय को देर तक बैठक में जोड़ा गया हैै

5- अतिरिक्त समय :- कार्यवाही के तय समय (६ घंटे) के बाद होने वाली बैठक को अतिरिक्त समय माना गया हैै

6 - वास्तविक बैठक :- प्रतिदिन की कार्यवाही के तय समय, और स्थगित भोजन अवकाश का समय, और अतिरिक्त समय, जिसमे से बर्बाद हुए समय को निकलने के बाद गणना कर वास्तविक बैठक समय निकला जा रहा हैै

प्रोडक्टिविटी फार्मूला :

प्रोडक्टिविटी = ( तय समय ÷ वास्तविक बैठक )×100

नोट - प्रोडक्टिविटी निकालने के लिए समय को मिनट में लिया गया है

सांसदों की परफॉरमेंस (कार्य प्रदर्शन) की गणना

पार्लियामेंट्री बिज़नेस की परफॉरमेंस में केवल उन्ही सांसदों को शामिल किया जा रहा है जो वर्तमान में संसद सदस्य हैं. वर्तमान लोकसभा के सभी भूतपूर्व सदस्यों की परफॉरमेंस उनके सदस्य रहने के आखरी दिन तक की है. दिनवार , सत्रवार, अथवा वर्षवार परफॉरमेंस देखते समय केवल उन्ही सांसदों की परफॉरमेंस दिखाई गयी है जो उस समय काल में वर्तमान सांसद थे.

पार्लियामेंट्री बिज़नेस पर सांसदों की परफॉरमेंस (कार्य प्रदर्शन) का आधार संसद की कार्यवाही में सांसदों की भागीदारी को बनाया गया है जो निम्नलिखित हैं.

  1. संसद में सांसदों की उपस्थिति
  2. सांसदों द्वारा पूछे गए प्रश्न
  3. सांसदों द्वारा बहस में हिस्सेदारी
  4. सांसदों द्वारा प्रस्तुत किये गए प्राइवेट मेंबर बिल (निजी विधेयक)
  5. सांसदों द्वारा संसदीय क्षेत्र में कुल खर्च की गयी सांसद निधि (एम् पी लैड फण्ड / एम् पी फण्ड)

नोट - मंत्री, प्रधान मंत्री, लोक सभा स्पीकर व डिप्टी स्पीकर की परफॉरमेंस (कार्य प्रदर्शन) में उपस्तिथि, प्रश्न, बहस में हिस्सेदारी, प्राइवेट मेंबर बिल को शामिल नहीं किया गया है. सदन में विपक्ष के नेता की परफॉरमेंस (कार्य प्रदर्शन) में उपस्तिथि के अलावा प्रश्न, बहस में हिस्सेदारी, प्राइवेट मेंबर बिल, सांसद निधि को शामिल किया गया है. ध्यान रहे, मंत्री, प्रधान मंत्री, लोक सभा स्पीकर व डिप्टी स्पीकर की परफॉरमेंस (कार्य प्रदर्शन) में केवल सांसद निधि खर्च को शामिल किया गया है

1- उपस्थिति :- संसद की कार्यवाही के दौरान सांसद संसद में रखे रजिस्टर पर हस्ताक्षर कर अपनी उपस्थिति दर्ज करता है.उपस्तिथि की रेटिंग व रैंकिंग का आधार लोक सभा की बैठकों के लिए निर्धारित दिनों की संख्या और मेंबर द्वारा उपस्थित रजिस्टर में किये गए हस्ताक्षर के आधार पर है.

इस प्रक्रिया में मंत्री, प्रधान मंत्री, लोक सभा स्पीकर, डिप्टी स्पीकर व सदन में विपक्ष के नेता को हस्ताक्षर करना अनिवार्य नहीं है, इसलिए हमने इन सभी माननीय सदस्यों को उपस्तिथि की रेटिंग व रैंकिंग से बाहर रखा है.

2- सांसदों द्वारा पूछे गए प्रश्न :- लोक सभा की कार्यवाही का पहला घंटा सदस्यों द्वारा प्रश्न पूछने के लिए निर्धारित किया गया है. प्रत्येक लोक सभा सदस्य प्रत्येक दिन की कार्यवाही के लिए तारांकित (लिखित) अतारांकित ( मौखिक) मिलाकर 10 प्रश्न जमा कर सकता है, लेकिन संसद के नियमानुसार एक सदस्य के अधिक से अधिक 5 प्रश्नों का चयन संभव हो सकता है.

प्रत्येक दिन 250 प्रश्नों का चयन होता है, जिसमें 20 प्रश्न मौखिक रूप से पूंछे जाने वाले और 230 लिखित उत्तर के लिए होते हैं. और किसी कारणवश 20 प्रश्न सदन में नहीं पूंछे जा सके तो उन्हें भी लिखित प्रश्नों की श्रेणी में सम्मलित किया जाता है. और ज्ञात हो यदि किसी विषय पर एक से अधिक सदस्यों द्वारा प्रश्न पूंछा जाता है तो उन प्रश्नों को संसदीय कार्यालय एक प्रश्न बना देता है, लेकिन वह प्रश्न उन सभी सदस्यों के नाम दर्ज होता है जिन्होंने प्रश्न पूंछा. प्रश्न पूंछने मैं सदस्यों की रेटिंग व रैंकिंग का आधार नियमों के अनुसार एक व्यक्ति के एक दिन में 5 प्रश्न के चयन को माना गया है.

इस श्रेणी में मंत्री, प्रधान मंत्री, लोक सभा स्पीकर, डिप्टी स्पीकर व सदन में विपक्ष के नेता नहीं आते नहीं है, इसलिए हमने इन सभी माननीय सदस्यों को उपस्तिथि की रेटिंग व रैंकिंग से बाहर रखा है

3 - सांसदों द्वारा बहस में हिस्सेदारी :-लोक सभा में प्रत्येक दिन प्रश्न काल के बाद की कार्यवाही को बहस माना गया है. सदन में बहस सदन की कार्यवाही की विभिन्न क्रिया कलापों को मिलाकर बनती है, जैसें- सरकारी बिल, प्राइवेट सदस्य बिल, .......बहस में सांसदों की रेटिंग व रैंकिंग का आधार उस दिन होने वालीं बहस की संख्या और उन बहस में हिस्सा लेने वाले सांसदों की संख्या के आधार पर बनाई गयी है.इस श्रेणी में मंत्री, प्रधान मंत्री, लोक सभा स्पीकर, डिप्टी स्पीकर व सदन में विपक्ष के नेता नहीं आते नहीं है, इसलिए हमने इन सभी माननीय सदस्यों को उपस्तिथि की रेटिंग व रैंकिंग से बाहार रखा है.

4- सांसदों द्वारा प्रस्तुत किये गए प्राइवेट मेंबर बिल (निजी विधेयक) :-

5- सांसदों द्वारा संसदीय क्षेत्र में कुल खर्च की गयी सांसद निधि (एम् पी लैड फण्ड / एम् पी फण्ड) :-

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